Sunday, 21 May 2017

कलम Pen

कलम
----------------

बड़े दिनो बाद आज दिल ने कहा
चलो कलम से बातें करते है !
छूट गया साथ जिसका इस नए युग मे
आज संग उसके थोड़ा समय बिताते है !

छोटी सी चिठ्ठी में जो कभी मेरा हाल बतलाता था
रह गया कही पीछे वो आज twitter, post , email के ज़माने में
बड़े दिनों बाद आज दिल ने कहा
चलो कलम से बातें करते है !

दोस्त वो हमारा बिना जिसके कभी हम अधूरे थे
सुनहरे रंगो से जिसके सपने अपनी लिखा करते थे
computer-mobile ने ऐसे दूर सा कर दिया है उससे हमें
की सजते थे जो कभी सीने में, है पड़े अकेले किसी कोने में
जरूरत उसकी बस सिमट गई अब हस्ताक्षार में
बड़े दिनों बाद आज दिल में कहा
चलो कलम से बातें करते है !

दोस्त ये संग जिनके बिन होली खुद को लेते थे रंग
बदलाव के इस नए युग में भूल गए वो स्याही का रंग
कभी संग इसके कोरे कागज पे सपने लिखा करते थे
भूल कर उसे अब हम मसीनों से बातें करते है
बड़े दिनों बाद आज दिल ने कहा
चलो कलम से बातें करते है !
छूट गया साथ जिसका इस नए युग मे
आज संग उसके थोड़ा समय बिताते है !









No comments:

Post a Comment

हे प्रभु , ये कैसी बिडम्बना है ! (Corona Pandemic)

 काल बैठा आज समय चक्र पे  कर रहा तांडव नृत्य है  घुट घुट सिमट रही ज़िन्दगी  लाचार सिस्टम की व्यस्था है  हे प्रभु , ये कैसी बिडम्बना है ! लिपट...